न्यूयॉर्क । सारी दुनिया के देशों में कोविड-19 टीकों की मांग खत्म हो चुकी है।विकासशील गरीब देशों ने वैक्सीन मुहैया कराने के लिए दवा कंपनियों से एडवांस करार कर  राशि जमा की थी। दवा कंपनियों के पास गरीब और विकासशील देशों के 12000 करोड़ रुपए जमा है।अब दवा कंपनियां उन देशों की राशि को वापिस नहीं लौटा रही हैं।
 गेवी जिनेवा का स्वयंसेवी संगठन है। यह अमेरिकी सरकार और बिल मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के तहत धन का उपयोग गरीब देशों में बच्चों के टीकाकरण कार्यक्रम के लिए करता है। महामारी की शुरुआत मेंगरीब एवं विकासशील देशों के लिए वैक्सीन खरीदने की जिम्मेदारी दी गई थी। दवा कंपनियों ने अमीर देशों को वैक्सीन की सप्लाई प्राथमिकता के आधार पर कर दी।वहीं गरीब और विकासशील देशों को उनके हाल पर छोड़ दिया था। 2021 के अंत तक विकासशील देशों तक जब वैक्सीन नहीं पहुंची। तो उन्होंने आर्डर को कैंसिल कर जमा रकम वापस मांगी। जिन दवा कंपनियों को एडवांस दिया गया था।वह राशि वापस नहीं लौटा रही हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार स्वयंसेवी संगठन के माध्यम से मॉडर्ना सीरम इंस्टीट्यूट इंडिया एक अन्य दवा कंपनी नोवा वैक्स भी जमा राशि वापिस करने से मना कर रही है। वैक्सीन निर्माता कंपनियों का कहना है, कि वह एडवांस राशि वापस लौटाने के लिए बाध्य नहीं है।