इस्तांबुल/दमिश्क| तुर्की-सीरिया में आए भूकंप में मरने वालों की संख्या 3,500 से अधिक हो गई है। तुर्की में 2,370 और सीरिया में 1,444 से अधिक लोग मारे गए। हजारों लोग घायल हुए। दोनों देशों में भारी नुकसान हुआ। इसमें ईंधन पाइपलाइनों और तेल रिफाइनरियों में आग भी शामिल है। दोनों देशों की सीमा पर सोमवार तड़के रिक्टर पैमाने पर 7.8 तीव्रता का भूकंप आया। बचाव दल जैसे ही ढही इमारतों के मलबे के नीचे से फंसे लोगों को निकालने और प्रभावितों के लिए आश्रय की व्यवस्था करने में जुटा, वैसे ही एक और भूकंप का एक और झटका आया। इसकी तीव्रता 7.5 थी। इससे क्षेत्र को हिला दिया।

तुर्की के उप राष्ट्रपति फुआत ओकटे के अनुसार उनके देश में मरने वालों की संख्या बढ़कर 2,379 हो गई है, जबकि दो भूकंपों के बाद 14,483 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

उन्होंने कहा कि दोनों भूकंपों के बाद 145 आफ्टरशॉक्स आए, इनमें से तीन की तीव्रता 6 से अधिक थी।

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार सीरिया में सरकार और विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्रों में मरने वालों की संख्या 1,444 से ऊपर हो गई है।

सोमवार तड़के तुर्की के गाजियांटेप के पास 7.8 तीव्रता का भूकंप आया। इसके झटके काहिरा से बेरूत, बगदाद समेत पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र में महसूस किए गए। इसने इटली को सुनामी की चेतावनी घोषित करने के लिए भी प्रेरित किया।

7.5 तीव्रता का नया झटका दोपहर करीब 1.30 बजे आया।

प्रभावित क्षेत्रों की तस्वीरें दिल दहला देने वाली हैं। कुछ प्राचीन सांस्कृतिक स्थलों को भी नुकसान पहुंचा है। सार्वजनिक और निजी संपत्ति का व्यापक विनाश हुआ है।

तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के सलाहकार इनूर सेविक ने आपदा को व्यापक और विनाशकारी करार देते हुए कहा कि जीवित बचे लोगों को खोजने की कोशिश में संसाधनों की कोई कमी नहीं है।

सेविक ने बीबीसी को बताया, जो लोग जो मलबे के नीचे फंसे हैं, उन्हें मौसम और खराब होने के पहले निकालना होगा। इन्हें बचाने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, हमारे पास रडार है, बॉडी सेंसर हैं, लेकिन आप जानते हैं कि इतनी व्यापक तबाही है कि आप हर जगह नहीं पहुंच सकते।

आरटी ने बताया कि भूकंप के झटके तुर्की के 10 प्रांतों कहारनमारस, गाजियांटेप, सान्लिउर्फा, दियारबाकिर, अदाना, अदियामन, मालट्या, उस्मानिया, हटे और किलिस और सीरिया के उत्तरी अलेप्पो, हमा, लताकिया और टार्टस में महसूस किए गए।

दोनों देशों में भूकंप ने प्रमुख बुनियादी ढांचों को नुकसान पहुंचाया। ऑनलाइन प्रसारित फुटेज के अनुसार तुर्की के किलिस प्रांत में प्राकृतिक गैस पाइपलाइनें फट गईं। इससे आग की लपटें उठने लगीं।

तेल और खनिज संसाधन मंत्रालय ने बताया कि सीरिया के सबसे बड़े बनियास शहर में एक रिफाइनरी की बिजली इकाई की चिमनी में दरार के कारण इसे कम से कम 48 घंटों के लिए बंद दिया गया। एहतियात के तौर पर ट्रेन सेवाएं भी बंद कर दी गईं।

दुनिया भर के देशों के नेताओं ने तुर्की और सीरिया में बचाव प्रयासों में मदद के लिए सहयोग का संकल्प व्यक्त किया है। संयुक्त राष्ट्र संघ में एक मिनट का मौन रखा गया।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने तुर्की और सीरियाई समकक्ष रेसेप तैयप एर्दोगन और बशर अल असद को शोक संदेश भेजा और कहा कि उनकी सरकार मदद के लिए तैयार है। आरटी ने बताया कि आपदा स्थलों पर सहायता के लिए दोनों देशों में रूसी बचाव दल भेजे गए हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक ट्वीट में कहा, तु*++++++++++++++++++++++++++++र्*ये और सीरिया में भूकंप के कारण हुई जनहानि और तबाही से मुझे गहरा दुख हुआ है। मैंने अपनी टीम को निर्देश दिया है कि वह तुर्की के साथ समन्वय कर हरसंभाव सहायता प्रदान करे।

ब्रिटेन के प्रधान मंत्री ऋषि सुनक ने एक बयान में कहा, मेरे विचार आज सुबह तु*++++++++++++++++++++++++++++र्*ए और सीरिया के लोगों के साथ हैं, विशेष रूप से उन लोगों के साथ, जो भूकंप से फंसे लोगों को बचाने के लिए बहादुरी से काम कर रहे हैं। यूके किसी भी तरह से मदद करने के लिए तैयार है।

फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने दोनों देशों में हुए नुकसान को भयानक बताया और कहा कि उनका देश आपातकालीन सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है, जबकि जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने कहा कि उनका देश मारे गए लोगों के रिश्तेदारों के साथ शोक मना रहा है और उन्हें बेशक मदद भेजेगा।

भारत ने सोमवार को कहा कि वह संकट की इस घड़ी में तुर्की की मदद के लिए तैयार है।

भूकंप पर चिंता और सदमा व्यक्त करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के 140 करोड़ लोग तुर्की में भूकंप पीड़ितों के साथ हैं।

राष्ट्रपति एर्दोगन के एक ट्वीट के जवाब में मोदी ने कहा, तुर्की में भूकंप के कारण जनहानि और संपत्ति के नुकसान से दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। भारत वहां के लोगों के साथ एकजुटता के साथ खड़ा है। वह इस त्रासदी से निपटने के लिए तुर्की को हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के तुर्की में भूकंप से निपटने के लिए हर संभव सहायता देने के निर्देश के आलोक में प्रधान मंत्री के प्रधान सचिव पी.के. मिश्रा ने तत्काल राहत उपायों पर चर्चा करने के लिए एक बैठक की।

इसमें कहा गया है कि विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड और आवश्यक उपकरणों के साथ 100 कर्मियों वाली एनडीआरएफ की दो टीमें खोज और बचाव कार्यों के लिए तुर्की जाने के लिए तैयार हैं।

आवश्यक दवाओं के साथ प्रशिक्षित डॉक्टरों और पैरामेडिक्स के साथ मेडिकल टीमें भी तैयार की जा रही हैं। राहत सामग्री तुर्की सरकार के समन्वय से भेजी जाएगी।

इजराइल ने कहा है कि वह तुर्की और सीरिया दोनों में खोज और बचाव और चिकित्सा दल भेजेगा।

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, यह वही है जो हम दुनिया भर में करते हैं और यही हम अपने आस-पास के क्षेत्रों में करते हैं।

अजरबैजान, ग्रीस, सर्बिया और स्पेन जैसे अन्य देशों ने भी मदद की पेशकश की है।