पिछले छह महीने से फोन, टेक्स्ट मैसेज, व्हाट्सएप और इंटरनेट कॉलिंग के जरिए युवती को परेशान करने वाले युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

एसडीएम रूधौली की कार्यवाही से हड़कम्प

बस्ती जिले के एसडीएम रुधौली गुलाबचंद ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की। हम आपको बता दे ताजा मामला रुधौली तहसील क्षेत्र का है जहां एक युवकी को परेशान करने वाले दबंग सीधे गए 14 दिन के लिए जेल भेजा। युवती का आरोप था कि यह लोग हमको काफी दिन से परेशान कर रहे हैं लेकिन यह घटना रुधौली एसडीएम गुलाबचंद को जब पता चला तो उन्होंने तत्काल में उनको 14 दिन के लिए जेल भेज दिया हम आपको बता दें कि एसडीएम रुधौली गुलाबचंद ने बताया है कि जब तक हम रुधौली तहसील में है तब तक किसी को कोई समस्या नहीं होगी। 

रूधौली पुलिस ने अभियुक्त को उपजिला मजिस्ट्रेट रूधौली की अदालत में किया पेश

एस डी एम रूधौली ने प्रकरण की गंभीरता एवं संज्ञेय अपराध होने की संभावना एवं शांति व्यवस्था परिकायम रखने के उद्देश्य से अभियुक्त राकेश चौधरी को 14 दिन के लिए जेल भेज दिया।मुलजिम को जेल जाने का होता है क्या आपको बता दें कि अभी 3 दिन पहले एसडीएम रुधौली ने 3 अभियुक्तों को जेल भेज चुका है।

कोराेना काल में मिला था नंबर

मामला रूधौली थाना क्षेत्र के एक गांव की युवती से जुड़ा है। इंटरनेट कालिंग (वीओआईपी काल) के माध्यम से युवती और उसके परिवार वालों को आरोपी रूधौली थाना क्षेत्र के गोठवा निवासी राकेश चौधरी मैसेज भेजता था। फार्मेसी में डिप्‍लोमा करने वाले आरोपी को कोरोना टीका लगाने के दौरान युवती का मोबाइल नंबर मिला था, जिसके बाद वह उस नंबर पर बात करने लगा। कुछ दिन बाद आरोपी ने पीड़िता से विवाह करने के लिए कहा, जिस पर उसने मना कर दिया।

छूटा ट्यूशन, सुसाइड का प्रयास किया

इसके बाद आरोपी पीड़िता से अनजान बनकर व्हाट्सएप के वीओआईपी नम्बर से मैसेज करके अपशब्द कहने लगा। उसे अशोभनीय कंमेंट करने लगा। इतना ही नहीं उसके पिता, भाई, बहन और मां को भी ऐसे मैसेज भेजता था। फोन करने वाला शख्स कोई बात नहीं करता, सिर्फ मैसेज के जरिए ही वह उसे परेशान कर रहा था। जहां वह ट्यूशन पढ़ने जाती थी, वहां के टीचर को भी मैसेज भेजने लगा, जिससे उसका ट्यूशन भी छूट गया था। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने मनचले के खिलाफ दो बार मुकदमा दर्ज किया, लेकिन पुलिस उसे पकड़ नहीं सकी। इस बीच युवती डिप्रेशन में आ गई और उसने सुसाइड करने का भी प्रयास किया। गिरफ्तार आरोपी ने पूछताछ में बताया कि एक ऐप के जरिए उसने फर्जी वीओआइपी नंबर जनरेट किया। उसी वीओआइपी नंबर के माध्यम से फर्जी व्हाट्सएप एकाउंट बनाकर पीड़िता व उसके परिवार वालों को कॉल करके धमकी देता था। उसे पूरा विश्वास था कि इस ऐप के जरिए व्हाट्सएप से मैसेज करने पर पुलिस उसे पकड़ नहीं पाएगी।

क्या है वीओआईपी

वायस ओवर इंटरनेट प्रोटाकॉल यानि वीओआईपी एक तरह की इंटरनेट कालिंग है जो वाईफाई के जरिए की जाती है। प्रायः इसे खराब नेटवर्क या कॉल ड्राप की समस्या को देखते हुए इस्तेमाल किया जाता है। इसमें आसानी से उपयोग करने वाला अपनी पहचान छिपा सकता है।

​​​​​​​रिपोर्ट - सुशील शर्मा