26/11........ एक ऐसा दिन जिसकी भयानक यादें आज भी लोगों के जहन में जिंदा है। दरअसल, इसी दिन पड़ोसी देश से आए आतंकवादियों ने मुंबई में आतंक मचा दिया था। इस हमले में सबसे पहले छत्रपति शिवाजी रेलवे टर्मिनल पर धावा बोला था। जिसके बाद आतंकियों ने मुंबई के ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल और नरीमव हाउस में भी हमला बोला। इस हमले में कई जानें गईं, लगातार जो रही गोलीबारी से लोग दहशत में आ गए। पुलिस की टीमें लगातार हालत को काबू में करने में लग गईं। 26 को शुरू हुए इस हमले के बाद 29 की सुबह जाकर पुलिस ने सभी आतंकियों को मारते हुए कसाब को जिंदा पकड़ा था। इस हमले में कई पुलिसकर्मी ने भी अपनी जान गंवाई थी। आइए एक बार फिर से इन सभी पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि देते हैं।

पाकिस्तान से आए थे हमलावर

जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान से लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादी 26 नवंबर, 2008 को समुद्री मार्ग से मुंबई पहुंचे थे।आतंकियों ने सबसे पहले रात 9.30 बजे छात्रपति शिवाजी रेलवे टर्मिनट पर गोलीबार की। आतंकियों ने एके47 से 15 मिनट गोलीबारी कर 52 लोगों की जान ले ली साथ ही 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए वहीं, इस बाद रात करीब 10.30 बजे विले पारले इलाके में एक टैक्सी को बम से आतंकियों ने उड़ा दिया था। इसमें टैक्सी ड्राइवर समेत एक यात्री की मौत हो गई थी।

दीवारों में धंसी गोलियां दिलाती हैं हमले की याद

इसके तुरंत 15 मिनट बाद बोरीबंदर से एक और टैक्सी को बम से उड़ा दिया जिसमें दो यात्रियों की मौत हो गई। वहीं, करीब 15 लोग घायल हो गए थे। आतंकियों ने मुंबई के ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल और नरीमव हाउस में भी हमला बोला। मुंबई के नामचीन रेस्त्राओं में से एक इस कैफे में हुई गोलीबारी में मारे गए 10 लोगों में कई विदेशी भी शामिल थे। साल 1871 से मेहमानों की खातिरदारी कर रहे इस कैफे की दीवारों में धंसी गोलियां हमले के निशान छोड़ गईं।

कई पुलिसकर्मी हुए थे शहीद

सुरक्षा बलों ने 29 नवंबर की सुबह तक हमलावर 9 आतंकियों को मार गिराया था। वहीं, अजमल कसाब पुलिस गिरफ्त में था। स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में आ चुकी थी लेकिन 160 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी थी। हमले में शहीद हुए लोगों में तत्कालीन आतंकवाद-रोधी दस्ते (एटीएस) के प्रमुख हेमंत करकरे, सेना के मेजर संदीप उन्नीकृष्णन, मुंबई के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अशोक कामते, वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक विजय सालस्कर और सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) तुकाराम ओंबले शामिल थे।